बैंको की शुरुवात
भारत में बैंकिंग की शुरुआत के दिन से अब तक एक लंबी यात्रा है। जब बैंकिंग सिस्टम कुछ कुछ बड़े खिलाड़ियों द्वारा नियंत्रित हुआ करता था, तब से आज तक, जहाँ बैंकिंग सेवाएं लगभग सभी के लिए उपलब्ध हैं, भारत का बैंकिंग सिस्टम एक महत्वपूर्ण परिवर्तन से गुजरा है। इस ब्लॉग पोस्ट में, हम भारत के बैंकिंग सिस्टम की यात्रा को उसकी शुरुआत से लेकर वर्तमान दिन तक की झलक देखेंगे।
भारत में बैंकिंग की शुरुआत 18वीं सदी में हुई थी, जब ब्रिटिश सरकार ने ब्रिटिश इंडिया कंपनी के साथ मिलकर प्रथम बैंक बंगलौर बैंक की स्थापना की थी। इसके बाद, विभिन्न विदेशी बैंकों ने भारत में अपनी शाखाएं खोलीं और बैंकिंग की शुरुआत हुई।
स्वतंत्रता के बाद, सरकार ने बैंकिंग के क्षेत्र में बड़े परिवर्तन किए और नई बैंकों की स्थापना की। इनमें से कुछ बैंक थे – स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, पंजाब नेशनल बैंक, केंद्रीय बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा
ये बैंक समृद्धि और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करते थे और आम लोगों को भी बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते थे। इन बैंकों के अलावा, सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ नई योजनाएं शुरू कीं, जिनमें से प्रधान मंत्री जन धन योजना, प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना शामिल हैं। ये योजनाएं उन लोगों के लिए बनाई गई हैं जो बैंक से दूर रहते हैं या जिनके पास बैंक खाते नहीं होते हैं।
आज, भारत में बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराने वाले लगभग 200 से भी ज्यादा बैंक हैं। ये बैंक विभिन्न स्तरों पर होते हैं – सरकारी बैंक, निजी बैंक, रिजनल बैंक और विदेशी बैंक। इन सभी बैंकों के अलावा, दूरसंचार तकनीकों के विकास से, डिजिटल बैंकिंग की सुविधा उपलब्ध हो गई है।
आज के समय में, आप अपने फोन या कंप्यूटर के माध्यम से इंटरनेट बैंकिंग का इस्तेमाल करके घर बैठे अपने बैंक खाते की जानकारी देख सकते हैं, पैसे भेज सकते हैं, पेमेंट कर सकते हैं और बहुत कुछ।
भारत में बैंकिंग सिस्टम का विकास न केवल अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे आम जनता को भी बहुत से लाभ होते हैं। इसलिए, हम सबको बैंकिंग की सुविधाओं का उपयोग करना चाहिए ताकि हम अपने व्यवसाय, निवेश और वित्तीय उद्योगों में सफल हो सकें। इसके अलावा, बैंकिंग सेवाओं का उपयोग जीवन की सुविधाओं को भी बढ़ाता है।
इसलिए, भारत के बैंकिंग सिस्टम में होने वाले विकास और सुधार को स्वीकार करना आवश्यक है। देश के विकास के लिए बैंकिंग सेवाओं का बढ़ता हुआ उपयोग करना बहुत आवश्यक है।

भारत में कई बड़े बैंक हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कुछ इस प्रकार हैं:
- स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
- पंजाब नेशनल बैंक
- बैंक ऑफ बड़ौदा
- बैंक ऑफ इंडिया
- केनरा बैंक
- इंडसइंड बैंक
- एचडीएफसी बैंक
- बैंक ऑफ बदोदा
- आईसीआईसीआई बैंक
- यूनियन बैंक ऑफ इंडिया
इन सभी बैंकों के अलावा, भारत में कई और बैंक भी हैं, जो देश की अर्थव्यवस्था में अहम भूमिका निभाते हैं।
इन बड़े बैंकों के साथ-साथ, भारत में कुछ निजी बैंक भी हैं, जो बहुत अहम भूमिका निभाते हैं। इनमें हैं:
- हाउसिंग डेवलपमेंट फाइनेंस कॉर्पोरेशन (HDFC) बैंक
- एक्सेस बैंक
- आईसीआईसीआई
- येस बैंक
- आयी डी ऍफ़ सी बैंक
इन निजी बैंकों को भी बहुत लोगों द्वारा पसंद किया जाता है, विशेष रूप से उन लोगों के बीच जो नवीनतम बैंकिंग तकनीकों का उपयोग करना पसंद करते हैं। इन बैंकों का लक्ष्य यह होता है कि वे नवीनतम तकनीकों का उपयोग करके ग्राहकों को बेहतर सेवाएं प्रदान कर सकें और बैंकिंग के अन्य क्षेत्रों में नए और अनुकूल उत्पादों का विकास कर सकें।
अतः, भारत में बैंकिंग सेवाओं का चयन करने से पहले, आपको सुनिश्चित करना चाहिए कि आप इस सेवा के विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए उचित बैंक का चयन कर रहे हैं।
Article by Ashish Tanwar [ Loan Shagun ]